विद्यार्थी किसी भी प्रतियोगी परीक्षा हेतु सेल्फ स्कोर करें -विश्व इतिहास (पुनर्जागरण काल)
यूरोप में पुनर्जागरण (Renaissance), जिसका शाब्दिक अर्थ है – “फिर से जागना” यह एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक, वैज्ञानिक, और आर्थिक परिवर्तन का समय था, जो 14वीं से 17वीं सदी के बीच हुआ। इसके प्रभावों को कई आधुनिक विकासों की शुरुआत माना जाता है और यह यूरोप के विभिन्न क्षेत्रों में दृष्टिकोण, कला, साहित्य, विज्ञान, और समाजशास्त्र में नई रूपरेखा लाया। पुनर्जागरण (Renaissance) का प्रारंभ इटली में हुआ था, और यहां से यह आंदोलन यूरोप के अन्य क्षेत्रों में फैला। प्रारंभिक 14वीं सदी से लेकर 17वीं सदी के बीच, इटली के नागरिकों ने यूरोप के विभिन्न हिस्सों में साहित्य, कला, विज्ञान और फिलॉसफी में नए विचार और रूपरेखा को प्रमोट किया। इस सामाजिक और सांस्कृतिक आंदोलन का केंद्र इटली के नगर फ्लोरेंस में था, जहां पेत्रार्का, लियोनार्डो दी विंची, माइकल एंजेलो, राफेलो जैसे महत्वपूर्ण साहित्यकार, कलाकार, और वैज्ञानिक थे। इस प्रक्रिया ने आर्थिक, सांस्कृतिक, और धार्मिक बदलाव को उत्थानित किया और नए विचारों को प्रोत्साहित किया जिसने आधुनिक यूरोप की शुरुआत की। पुनर्जागरण के प्रमुख कारणों में निम्नलिखित पाँच मुख्य कारण हैं: पुनर्जागरण के प्रमुख तत्व या विशेषताएं – – -जिज्ञासा और खोजी दृष्टि का उदय,साहसिक मनोभावों का उदय, मानवतावाद, व्यक्तिवाद, आत्मचेतना, पंथनिरपेक्षता सही उत्तर – द प्रिंस , जिसकी तुलना चाणक्य की कृति अर्थशास्त्र से की जाती है। जबकि नीतिशास्त्र का संबंध शुक्राचार्य से तथा मोनालिसा नामक चित्र का संबंध लियोनार्डो द विंची से है। पुनर्जागरण के समय में ही 1454 ई में प्रिंटिंग प्रेस भी विकसित हुई। गुटेंबर्ग का छापेखाना लोहे के मोल्ड और धातु के अक्षरों का उपयोग करके था, जो पुस्तकों की तेजी से और सस्ते में प्रचार-प्रसार को संभावना दिया। इससे पुस्तकों की प्रमाणिकता बढ़ी और ज्ञान का आसान और तेजी से प्रसार हो सका। गुटेंबर्ग के यह आविष्कार ने यूरोप में साहित्यिक, धार्मिक, और वैज्ञानिक साहित्य की व्यापक उपलब्धता को बढ़ावा दिया और पुनर्जागरण का समर्थन किया। पुनर्जागरण का अग्रदूत दांते (1265- 1321 ई ) को माना जाता है। इनकी प्रसिद्ध रचना “डिवाइन कॉमेडी” है जिसमें इन्होंने देश के प्रति प्रेम तथा समकालीन इटली के सामाजिक धार्मिक जीवन के विषय में लिखा है। “द लास्ट सपर” (The Last Supper) और “मोनालिसा” (Mona Lisa) दोनों ही महत्वपूर्ण कलात्मक रचनाएं इटालियन कलाकार लिओनार्डो डा विंची की हैं। लिओनार्डो डा विंची को अपनी ऊदारता, विचारशीलता, और रचनात्मक प्रक्रिया के लिए जाना जाता है, और उनके कला कार्य आज भी उदाहरणीय माने जाते हैं। “यूटोपिया” (Utopia) एक ऐसा शब्द है जिसका अर्थ है “आदर्श समाज” या “निराकार, स्वर्ग समान समाज”। इस शब्द का प्रयोग आदर्श और परिपूर्ण समाज की विचारधारा या स्थिति को व्यक्त करने के लिए किया जाता है, जो वास्तविकता में असम्भावित होती है। इस शब्द का प्रयोग विशेषकर साहित्य और राजनीति में होता है, जहां लेखक या विचारक अपने कल्पना से बनाए गए किसी आदर्श समाज को दर्शाने के लिए “यूटोपिया” का उपयोग करते हैं। यह समाज ऐसा होता है जिसमें सभी लोग खुशहाल, संयमी, और सहमत होते हैं, और समृद्धि और समानता की भावना प्रमुख होती है। साहित्य में, सर टॉमस मूर की “यूटोपिया” (Utopia) एक प्रमुख उदाहरण है, जिसमें उन्होंने एक ऐसे समाज की रचना की है जो आदर्श बनाए रखने का प्रयास करता है। निकोलस कॉपरनिकस (Nicolaus Copernicus) एक पोलिश वैज्ञानिक और गणितज्ञ थे जो 16वीं सदी में जीते थे। उन्होंने सूर्यमंडल में ग्रहों की चाल के सिद्धांत को प्रस्तुत किया और इसका प्रमुख सिद्धांत “हेलिओसेंट्रिज्म” था, जिसके अनुसार सूर्य हमारे सौरमंडल का केंद्र है और ग्रह तथा अन्य स्वर्गीय वस्तुएँ सूर्य के चारों ओर चक्कर लगाती हैं। निकोलस कॉपरनिकस का काम “डी रेवोलुशनिबस ओर्बुस केलेस्तियस” (“De revolutionibus orbium coelestium”) उनकी प्रमुख पुस्तक थी, जो 1543 में प्रकाशित हुई थी और जिसमें उन्होंने अपने सिद्धांतों को विस्तार से व्यक्त किया। इससे हेलिओसेंट्रिज्म का सिद्धांत स्थापित हुआ और उसने अस्तित्व में रहे अद्वितीय सिद्धांत को चुनौती दी। जोहननेस केप्लर (Johannes Kepler) एक जर्मन गणितज्ञ, विज्ञानी, और खगोलशास्त्री थे जो 17वीं सदी में जीते थे। उन्होंने कई महत्वपूर्ण खगोलशास्त्रीय खोजें की थीं, जिनमें से कुछ उनकी विशेष उपलब्धियों में शामिल हैं: जोहननेस केप्लर की यह खोजें खगोलशास्त्र में महत्वपूर्ण थीं और उन्होंने ग्रहों की गति और संरचना के संबंध में नए सिद्धांतों की शुरुआत की। इटालियन गद्य का पिता बुकासियो को कहा जाता है। ‘डेकामरॉन ‘ उनकी प्रसिद्ध कृति है। यह 100 कहानियों का संग्रह है। उन्होंने अपनी कहानियों में मानवता व दया का संदेश दिया है, जो पुनर्जागरण में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन किया।
#1. प्र 1. "पुनर्जागरण" शब्द का शाब्दिक अर्थ है-
#2. प्र 2. पुनर्जागरण सर्व प्रथम कहाँ पर हुआ ?
#3. प्र 3. पुनर्जागरण के कारणों में शामिल नहीं हैं -
#4. प्र 4. पुनर्जागरण के प्रमुख तत्व इनमें से नहीं हैं -
#5. प्र 5. 'मैकियावेली' की रचना का नाम है -
#6. प्र 6. गुटेनबर्ग द्वारा छापेखाने (प्रिंटिंग प्रेस) का आविष्कार कब हुआ ?
#7. प्र 7. पुनर्जागरण का अग्रदूत किसे माना जाता है?
#8. प्र 8. 'द लास्ट सपर' एवं 'मोनालिसा' किसकी कृति है ?
#9. प्र 9. 'यूटोपिया',क्या है ?
#10. प्र 10. निकोलस कॉपरनिकस इनमें से था -
#11. प्र 11. निम्नलिखित में से गलत बिंदुओं पर विचार कीजिए-
#12. प्र 12. इटालियन गद्य का पिता किसे कहा जाता है?