भारतीय राष्ट्रीय कला एवं सांस्कृतिक विरासत ट्रस्ट (INTACH)-

 

परिचय – भारतीय राष्ट्रीय कला एवं सांस्कृतिक विरासत ट्रस्ट या आई.एन.टी.ए, एक लाभकारी संगठन है, जिसकीस्थापना 1984 में नयी दिल्ली में की गयी थी। इस संगठन का प्राथमिक उद्देश्य हमारी विरासत के बारे में एकता का नेतृत्व करना और उसे संरक्षित करने की योजना बनाना था। एत संगठन की विभिन्न शाखाएँ हैं, जिन्हें ‘चैप्टर’ कहा जाता है। वर्तमान में, लगभग 170 भारतीय शहरों में उनके चैप्टर हैं और कई अतरराष्ट्रीय चैप्टर भी हैं।

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आई.एन.टी.ए.सी.एच. (Indian National Trust for Art and Cultural Heritage) के प्रथम शासकीय परिषद में भूतपूर्व प्रधानमंत्री राजीव दार्थ, एम. जी. के. मेनन, डॉ. कपिला वात्स्यायन, माधवराव सिधिया आदि जैसे प्रसिद्ध लोग थे।

INTACH की कार्य योजना में निम्नलिखित कुछ मुख्य उद्देश्य शामिल होते हैं:

  1. संरक्षण: INTACH भारतीय सांस्कृतिक धरोहरों और ऐतिहासिक स्थलों के संरक्षण के लिए प्रमुख योगदान करता है। यह संरक्षण भारतीय संरक्षित स्थलों की विश्वस्तता और महत्व को बढ़ावा देने के लिए साधारित किया जाता है।
  2. पुनर्निर्माण: ट्रस्ट ऐतिहासिक भवनों और स्थलों के पुनर्निर्माण और पुनःप्रयोजन के लिए प्रेरित करता है, ताकि वे अपनी महत्वपूर्ण स्थिति में बने रह सकें।
  3. शैक्षणिक कार्य: INTACH कार्यक्रमों, सेमिनारों, और विभिन्न शैक्षणिक परियोजनाओं के माध्यम से सामाजिक जागरूकता बढ़ाता है और सांस्कृतिक संरक्षण की महत्वता को जनमानस में विस्तारपूर्वक स्थापित करता है।
  4. प्रसार-प्रचार: INTACH भारतीय सांस्कृतिक विरासत के महत्व को लोगों के बीच पहुंचाने के लिए विभिन्न साधनों का उपयोग करता है, जैसे कि वेबसाइट, पुस्तकें, फिल्में, और अन्य साधन।
  5. कैपेसिटी बिल्डिंग: ट्रस्ट लोगों को सांस्कृतिक विरासत के प्रति संवेदनशीलता और नियुक्त सांस्कृतिक धरोहर संरक्षकों के रूप में प्रशिक्षित करने के लिए कार्य करता है।

इनके अलावा, INTACH कई अन्य सांस्कृतिक एवं ऐतिहासिक परियोजनाओं को भी संचालित करता है, जिनमें से कुछ उदाहरण हैं: संरक्षण योजनाओं का तैयारी और कार्यान्वयन, विकास कार्यक्रम, और संग्रहालयों के लिए प्रोत्साहन आई.एन.टी.ए.सी.एच. के नियमों एवं विनियमों के मेमोरेंडम के अनुसार उन्हे निम्नलिखित आवश्यक कार्य किए जाने चाहिए –

  • स्मारकों और खंडहरों को वापस उनकी मूल अवस्था में लाना और उसके बाद उनके प्रबंधन और संपोषण में सहायता करना।
  • विरासती संपत्ति के संरक्षण के बारे में लोगों में जागरूकता उत्पन्न करना।
  • विद्यालयों में जागरूकता अभियान, संरक्षण के बारे में विभिन्न समूहों के लिए कार्यसभा इत्यादि, जैसे जागरूकता कार्यक्रमों का निर्माण करना।
  • विरासत वार्ता का निर्माण और समर्थन करना, जिसमें ऐतिहासिक शहरों के प्रमुख क्षेत्रों का समावेश होगा और नागरिकों में उनके आसपास स्थित जीवंत सांस्कृतिक विरासत के बारे में जागरूकता उत्पन्न करना।

निष्कर्ष – इस प्रकार भारतीय राष्ट्रीय कला एवं सांस्कृतिक विरासत ट्रस्ट (INTACH) एक गैर-लाभकारी संगठन है जो भारतीय सांस्कृतिक एवं ऐतिहासिक विरासत के संरक्षण, पुनर्स्थापन और प्रचार-प्रसार के लिए काम करता है। INTACH का मुख्य उद्देश्य है भारतीय संरक्षित स्थलों, धरोहरों, और सांस्कृतिक विरासत के प्रति लोगों को संवेदनशील बनाना और उनके संरक्षण में सहयोग करना है।

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