Idea of Bharat most imp Quiz series -part 2

 

#1. इतिहास का प्राचीनतम उल्लेख किस वेद में मिलता है-

इतिहास का प्राचीनतम उल्लेख अथर्ववेद में मिलता है। इतिहास शब्द की उत्पति संस्कृत के दार्शनिक- इति ह आस इन तीनों शब्दों से मानते हैं। जिसका अर्थ है – निश्चित रूप से ऐसा हुआ।

#2. “हिन्दू इतिहासकार नहीं थे” इस कथन को किसने कहा –

लोएस डिकिन्स

#3. भारतीय इतिहास की अवधारणा में मानव इतिहास का स्वर्ण युग किस युग को माना गया है-

सत युग। इस युग को मानव इतिहास का स्वर्ण काल माना जाता है। इस युग का समाज संपन्नता, सुख एवं हर तरफ के वैभव से सम्पन्न थे। एवं लोगों में परस्पर सौहार्द था।

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#4. निम्न में से कौन सी भारतीय इतिहास की अवधारणा है-

भारतीय इतिहास की अवधारणा में 4 युग शामिल हैं – सत युग, त्रेता , द्वापर और कलयुग। इन युगों के आधार पर युगचक्रवादी दृष्टिकोण को प्रतिपादित किया गया है। जिसके अंतर्गत अवतरवाद तथा कर्म का सिध्दांत लागू होता है। भारतीय ग्रंथों में उल्लेखित है कि प्रत्येक युग में मानवता के कल्याण के लिए, धर्म की स्थापना के लिए, दुष्टों के विनाश के लिए ईश्वर किसी न किसी रूप में अवतार लेता है।

#5. इतिहास की भौतिकवादी अवधारणा किसकी देन है-

इतिहास की भौतिकवादी व्याख्या देने का श्रेय कार्ल मार्क्स को जाता है। इनके अनुसार इतिहास का निर्माण का प्रमुख आधार वर्ग-संघर्ष है। वे सामाजिक व्यवस्था में निरंतर परिवर्तन को इतिहास की गति मानते हैं। उत्पादन व्यवस्था तथा सामाजिक परिवर्तन की तीन अवस्थाएं – दास प्रथा, सामंतशाही तथा पूंजीवाद मानते हैं। पूंजीवाद इस परिवर्तन का चरमोत्कर्ष है। सभी महत्वपूर्ण सामाजिक परिवर्तन उत्पादन की प्रक्रियाओं से प्रारंभ होते हैं। यही उनकी भौतिक वादी अवधारणा का मूल सिद्धांत है।

#6. इतिहास के स्वरूप के संबंध में किसने कहा है कि, “इतिहास विज्ञान है साहित्य से इसका कोई सरोकार नहीं है”

सीले

#7. ग्रीको-रोमन युगचक्रवादी अवधारणा किसकी देन है-

हेसिओड

#8. “इतिहास लेखन को वैज्ञानिक विधियों से परिष्कृत करने के बावजूद उसके प्रस्तुतिकरण एवं व्याख्या में कलात्मक शैली की नितांत आवश्यकता होती है” किसने कहा – ।

एल्टन।

#9. विसेन्ट स्मिथ कौन से दृष्टिकोण के इतिहासकार थे-

साम्राज्यवादी। विसेन्ट स्मिथ एक महानतम साम्राज्यवादी इतिहासकार थे। 1904 ई में “प्राचीन भारत का इतिहास” (Early History of India) लिखा।

#10. डा काशीप्रसाद जायसवाल किस दृष्टिकोण के इतिहासकार थे-

20 वीं सदी के आरंभिक तीन दशकों में राष्ट्रवादी इतिहासकारों में के. पी जायसवाल शामिल थे। इसके अतिरिक्त राष्ट्रवादी लेखक थे- भंडारकर, अलटेकर, एच  सी राय चौधरी , पांडुरंग वामन, काणे, नीलकंठ शास्त्री, आर सी मजूमदार, राधाकुमुद मुखर्जी आदि।

#11. “अभिज्ञान शकुंतलम” की रचना किसने की –

#12. किसने कहा कि -एक राजा को इतिहास का श्रवण अवश्य करना चाहिए।

#13. राजतरंगिणी के रचनाकार हैं-

कल्हण कृत राजतरंगिनी एक विश्वसनीय पूर्ण इतिहास है। जो कश्मीर के इतिहास का वर्णन करता है। इसमें ऐतिहासिक तथ्यों की अशुद्धियों को दूर किया गया है।

#14. इतिहास लेखन के साधन हैं – क्रमश:- काल – व्यक्ति – स्थान – घटना , जिसे अंग्रेजी के किन वर्ण से किस प्रकार याद रखा जा सकता है-

3P E
Period – काल
Person – व्यक्ति
Place – स्थान
E- Event – घटना

#15. “हेरोडोटस” की रचना है –

यूनान के हेरोडोटस {480- 430 ईपू } ने सर्वप्रथम अपनी रचना हिस्टोरीका में हिस्ट्री शब्द का प्रयोग किया था। इसलिए इन्हे इतिहास का जनक भी माना जाता है। ग्रीक भाषा में हिस्टोरीया का अर्थ होता है- जानना अथवा ज्ञात होना। इसमें उन्होंने मानव जाति के विकास क्रम को व्यवस्थित एवं क्रमिक रूप से कथा के रूप में रखा।

#16. पाँच खंडों में “हिस्ट्री आफ धर्मशास्त्र” की रचना की –

#17. कौटिल्य कृत अर्थशास्त्र ग्रंथ का विषय मूल रूप से किससे संबंधित है-

मौर्य सम्राट चन्द्रगुप्त मौर्य के शासनकाल में प्रधानमंत्री के पद पर आसीन चाणक्य पूर्व में तक्षशिला विश्वविद्यालय के राजनीति एवं युधशास्त्र के प्रसिद्ध आचार्य थे। जिन्होंने अर्थशास्त्र ग्रंथ की रचना की। इस ग्रंथ का संबंध मूल रूप से राज शासन संबंधी सिद्धांत से है।

#18. “द प्रिंस ” नामक ग्रंथ किसकी रचना है-

“द प्रिंस ” नामक ग्रंथ मेकियावेली की रचना है, जो फ्लोरेन्स के प्रकांड राजनीतिज्ञ थे।

#19. “लीलावती” का संबंध है-

लीलावती का संबंध है- गणित से , इसकी रचना भास्कराचार्य (गणितज्ञ) ने की थी। इसमें अंकगणित के सिद्धांत हैं।

#20. इतिहास का महत्व है-

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