फ्रांस की क्रांति के परिणाम /Consequences of French Revolution

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फ्रांस की क्रांति के परिणाम –

 भूमिका -1789 ई. की फ्रांसीसी क्रांति आधुनिक विश्व के इतिहास की असाधारण घटना थी। फ्रांस की कुछ विशेष परिस्थितियो के कारण क्रांति का विस्फोट फ्रांस में ही हुआ किंतु इस असाधारण घटना से यूरोप तथा संसार के अधिकांश देशो को किसी न किसी रूप से प्रभावित किया।18वी शताब्दी के अंतिम चरण में घटित यह युगांतकारी घटना कुछ ऐसे महत्वपूर्ण सिध्दांतो को कार्य रूप में परिणित करने का प्रयास था, जिनसे इस शताब्दी का प्रबुध्द फ्रेंच नागरिक अच्छी तरह परिचित था। ये सिध्दांत थे स्वतंत्रता, समानता, व्यवस्था और बंधुत्व (Liberty, Equality, Order and  Fraternity )|  अंत में यही सिध्दांत क्रांति का मुख्य नारा बन गया।

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         फ्रांस की क्रांति ने राजनीति के क्षेत्र में दो महत्वपूर्ण परिवर्तन किए। 

1. निरंकुश राजतंत्र का उसने अंत कर दिया।

2. राष्ट्रवाद को शक्तिशाली प्रेरणा दी। 

यह 1789 के फ्रांस की तुलना क्रांतिकारी फ्रांस से करके जाना जा सकता है। फ्रांस की क्रांति के परिणाम निम्नलिखित हैं-

1. धर्म निरपेक्ष राज्य का प्रादुर्भाव

2. राष्ट्र्रवाद का उदय

3. निरंकुश राजतंत्र की समाप्ति

4. सामंतवाद का अंत

5. जनकल्याणकारी राज्य का उदय

6. समाजवाद का प्रसार

7. मानव के गौरव की स्थापना

8. नवीन सिध्दांतो की स्थापना

9. जन-आंदोलनो का प्रसार

10. उदारवाद का प्रसार

हम यहाँ उपरोक्त परिणामों की विस्तारपूर्वक चर्चा करेंगे-

धर्म निरपेक्ष राज्य का प्रादुर्भाव-

– क्रांति ने मध्ययुगीन चर्च के अधिकारों को समाप्त करके फ्रांस में धार्मिक स्वतंत्रता का युग आरम्भ किया। क्रांति के बाद चर्च के विशेषाधिकारों , करों को समाप्त किया और उसकी भूमि जब्त कर ली गई । तथा चर्च के पादरियो व अधिकारियों की विलासिता पूर्ण जीवन को समाप्त कर उनके नैतिक स्तर को उंंचा उठाने का प्रयास किया गया। इस क्रांति के द्वारा सभी धर्म व सम्प्रदायों को शामिल कर वैचारिक समानता, सहिष्णुता व बंधुत्व की भावना का प्रसार किया गया जिससे युरोप में धार्मिक स्वतंत्रता का युग आरंंभ हुआ। 

–  राष्ट्र्रवाद का उदय-

फ्रांस में क्रांति ने जो अद्म्य राष्ट्रीय भावना उत्पन्न की थी उससे न केवल युरोप अपितु विश्व के सामने राष्ट्रवाद की भावना का प्रसार हुआ था। फ्रांस ने निरंकुश राजतंत्र का अंत कर दिया तथा पहले संवैधानिक राजतंत्र तथा उसके सफल होने पर गणतंत्र की स्थापना की। फ्रांस ने यह परिवर्तन राष्ट्रीय भावना से प्रेरित होकर किया। जिससे राजा लुई को फांसी देकर एक राजद्रोही राजा से फ्रांस को बचाया गया था। राष्ट्रवाद की भावना के आधार पर राष्ट्र की रक्षा के लिये राष्ट्रीय सेनाओ का निर्माण किया गया बाद में इसी सेना के बल पर फ्रांस शक्तिसम्पन्न राष्ट्र बन गया। 

 निरंकुश राजतंत्र की समाप्ति- 

फ्रांस में सन 1789 में एक निरंकुश राजतंत्र था। दैवीय अधिकारों के अनुसार राजा कार्य करता था । इस स्वेच्छाचारी राजतंत्र को समाप्त करके क्रांति ने जनता की सम्प्रभुता के सिध्दात पर पहले संवैधानिक राजतंत्र तथा उसके असफल होने पर गणतंत्र की स्थापना की। इस प्रकार क्राति का सबसे महत्वपूर्ण परिणाम गणतंत्र की स्थापना ही थी। 

सामंतवाद का अंत-

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