प्राचीन भारत /भारतीय साहित्य का गौरव/ आयडिया आफ भारत महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तरी सीरीज -3

Results

Share with friends !
Share with friends !
Share your score!
Tweet your score!
Share to other

#1. "नेचुरल हिस्टोरीका" प्रथम शती का ग्रंथ जो 77 ई में प्रकाशित हुआ , किसकी रचना है?

नेचुरल हिस्टोरीका लैटिन भाषा में प्लिनी के द्वारा लिखित ग्रंथ जिसमें भारत और इटली के व्यापारिक संबंधों की जानकारी मिलती है। इसकी रचना – 80- 115 ई में गई थी।

#2. "उपनिषद" का अर्थ होता है-

उप का अर्थ है “समीप ”
नि का अर्थ है- निष्ठापूर्वक
सद का अर्थ है- बैठना
अर्थात जिस विद्या या रहस्य विद्या का ज्ञान गुरु के समीप बैठकर निष्ठापूर्वक प्राप्त किया जाता है वह “उपनिषद” है। वैदिक साहित्य के अंतिम भाग होने के कारण इन्हे वेदान्त कहा गया है। इसमें आर्यों के दार्शनिक विचारों का समावेश है। इनकी संख्या 108 है।

#3. "सत्यमेव जयते" किस ग्रंथ से लिया गया है-

“सत्यमेव जयते”  को मुंडकोपनिषद ग्रंथ से लिया गया है। यह वाक्य भारत का राष्ट्रीय आदर्श वाक्य है।

#4. दुल्बा और तंगयुर की रचना की गई-

#5. इंडिका को अंग्रेजी भाषा में सर्वप्रथम अनुवाद किया -

#6. सामवेद का विषय है-

साम का शाब्दिक अर्थ है – गान ।

इसमें मुख्यत: यज्ञों के अवसर पर गए जाने वाले मंत्रों का संग्रह है। 7 सुरों का उल्लेख एवं भारतीय संगीत का मूल सामवेद को कहा जाता है।

#7. ऋग्वेद की 5 शाखाओं में शामिल नहीं है-

#8. चाउ -जू -कुआ एक चीनी लेखक ने किस वंश के इतिहास पर प्रकाश डाला है?

दक्षिण भारत के राजवंश चोलों पर चाउ -जू -कुआ एक चीनी लेखक ने पर प्रकाश डाला है?

#9. मनुस्मृति का रचनाकाल माना गया है-

मनुस्मृति (शुंगकाल ईपू द्वितीय शती) सर्वाधिक प्राचीन एवं प्रामाणिक ग्रंथ है। शेष गुप्तकालीन है। यह 200-200 ईपू में लिखी मानी जाती है। इसके अलावा प्रमुख स्मृति ग्रंथ हैं-
याज्ञवल्क्य स्मृति – 100- 300 ईपू
नारद स्मृति- 300-400 ईपू
पाराशर स्मृति – 300-500 ईपू
बृहस्पति स्मृति- 300-500 ईपू
कात्यायन स्मृति – 400-6–ईपू

#10. रामायण के रचीयता कौन हैं-

रामायण भारतीयों का सर्वाधिक प्राचीन महाकाव्य है। इसके रचनाकार महर्षि वाल्मिकी हैं। इस ग्रंथ का रचनाकाल ईपू 4 थी शताब्दी में माना गया है।

#11. बुद्धचरित ग्रंथ लिखा है -

बुद्धचरित ग्रंथ लिखा है -अश्वघोष ने।

इस ग्रंथ में गौतम बुद्ध के चरित्र पर प्रकाश डाला गया है।

#12. सबसे प्राचीन वेद है-

सर्वाधिक प्राचीन ग्रंथ है ऋग्वेद। इसके 10 मण्डल, 1028 सूक्त एवं 10,580 कुल ऋचाएं हैं। 10 वें मण्डल के पुरुष सूक्त में प्रथम बार जाति व्यवस्था के अंतर्गत शूद्र का उल्लेख किया गया है।

#13. इंडिका नामक ग्रंथ की रचना किसने की है-

मेगस्थनीज मौर्य सम्राट चन्द्रगुप्त मौर्य की राजसभा में यूनानी सम्राट सेल्यूकस का राजदूत था। इसके ग्रंथ इंडिका में भारत संबंधी महत्वपूर्ण जानकारी मिलती है। यह ग्रंथ अपने मूल रूप में विलुप्त है।

#14. "पेरिप्लस आफ द ऐरिथ्रीयन सी " नामक साहित्यिक साक्ष्य प्राचीन भाग के किस पक्ष पर प्रकाश डालता है-

इस ग्रंथ के लेखक के बारे में जानकारी प्राप्त नही है। इसकी रचना 80 – 115 ई के बीच की गई। इसमें भूगोल एवं वाणिज्य के विषय में उल्लेख है ।

#15. अंगुत्तर निकाय और भगवती सूत्र क्रमश: बौद्ध एवं जैन ग्रंथ में जानकारी मिलती है-

सर्वप्रथम अंगुत्तर निकाय और भगवती सूत्र क्रमश: बौद्ध एवं जैन ग्रंथ में 16 महाजनपदों की जानकारी मिलती है-

#16. परिशिष्टपर्वन के रचना कार हैं -

जैन ग्रंथ परिशिष्टपर्वन के रचना कार हैं – हेमचन्द्र। इनकी भाषा प्राकृत है।

#17. अशोक के अभिलेखों को सर्वप्रथम पढ़ने का श्रेय जाता है-

अशोक के अभिलेखों को सर्वप्रथम 1837 ई में  पढ़ने का श्रेय जाता है- जेम्स प्रिंसेप को। अशोक के शिलालेख ब्राम्ही लिपि में है। इसके अलावा मौर्य सम्राट अशोक के लेख खरोष्ठी लिपि व आरमाईक में भी पाए गए हैं।  अभिलेखों का अध्ययन “इपीग्राफी” कहलाता  है।

#18. "मुद्राराक्षस" ग्रंथ की रचना किसने की-

विशाखादत्त ने मुद्राराक्षस की रचना की है। यह ग्रंथ नाटक संग्रह के रूप में है। यह ग्रंथ चाणक्य की कूटनीति एवं नन्द वंश की समाप्ति पर प्रकाश डालता है।

#19. "तहकीक-ए-हिन्द" अथवा "किताब-उल-हिन्द " की रचना की है-

तहकीक-ए-हिन्द की रचना की है- अलबरुनी। यह मुस्लिम आक्रमणकारी महमूद गजनवी के साथ भारत आया था। इसमें उसने भारत पर विध्वंशक आक्रमणों एवं भारतीय राजनैतिक व सामाजिक दशा का वर्णन किया है। इसका काल था- 973 – 1048 ई तक था।

#20. बौद्ध धर्म का "इनसायक्लोपीडिया" कहा जाता है-

बौद्ध धर्म का “इनसायक्लोपीडिया” सुतपितक को कहा जाता है। तीनों ग्रंथों को त्रिपिटक की संज्ञा दी गई है। ये सभी ग्रंथ पाली भाषा में लिखे गए हैं।

#21. अष्टाध्यायी (5 वी शदी ईपू ) किसकी रचना है-

अष्टाध्यायी (5 वी शदी ईपू ) पाणिनी की  रचना है। यह व्याकरण की सर्वप्रमुख रचना है। शब्दों की मीमांसा करने वाला शास्त्र व्याकरण कहलाता है। जिसका संबंध भाषा संबंधी नियमों से होता है।

#22. किस स्रोत से पता चलता है कि समुद्रगुप्त वीणावादक था ?

सिक्के अर्थात मुद्रा से तत्कालीन साम्राज्य की सीमा, आर्थिक स्थिति, व्यापार, काल निर्धारण, सम्राटों की अभिरुचि, धार्मिक स्थिति, सांस्कृतिक स्थिति, अन्तराष्ट्रीय संबंधों एवं समृद्धि के विषय में जानकारी प्राप्त होती है। एक सिक्के पर गुप्त सम्राट समुद्रगुप्त वीणा बजाते हुए दिखाया गया है। इससे पता चलता है कि समुद्रगुप्त संगीत प्रेमी था।

#23. जैन ग्रंथों का अंतिम संकलन 6 वी शता ईपू में किस स्थान पर हुआ था ?

#24. जैन साहित्यों को आगम कहा जाता है- इनमें से कौन सा भाग शामिल नहीं है-

जैन साहित्यों को आगम कहा जाता है- इनके मुख्य 4 भाग शामिल है- इनकी भाषा प्राकृत है।
अंग – 12
उपांग- 12
प्रकीर्ण -10
पूर्व – 14
अपूर्व शामिल नहीं है।

#25. आदि पुराण का संबंध है -

आदिपुरण की रचना जैन आचार्य जिनसेन ने की है। इसमें प्रथम जैन तीर्थंकर ऋषभदेव का जीवन चरित्र का उल्लेख किया गया है।

#26. निम्न में से असत्य कथन को चुनें-

पुराणों की संख्या 18 हैं। इनके रचीयता लोमहर्ष तथा उग्रश्रवा हैं। इनमें कलियुग के राजाओं का विवरण है। सबसे प्रामाणिक ग्रंथ मत्स्य पुराण को माना गया है।

#27. पिंगल मुनि का ग्रंथ है-

पिंगल मुनि का ग्रंथ है- छंद ।
वैदिक मंत्र प्राय: छंदबद्ध हैं। छंदों के नाम संहिताओ व ब्राम्हण ग्रंथों में मिलते हैं। वेदांग के अंतर्गत इन 6 ग्रंथों को गया है – शिक्षा, कल्प, व्याकरण, निरुक्त, छंद और ज्योतिष।

#28. पुराणों की संख्या 18 हैं - इनका संकलन किया है-

पुराण सरल एवं व्यावहारिक भाषा में लिखे गए हैं। जिसमें प्राचीन ज्ञान-विज्ञान,पशु-पक्षी, वनस्पति विज्ञान, आयुर्वेद इत्यादि का विस्तृत वर्णन किया गया है। ये ग्रंथ 5 वीं – 4 थी शता ईपू में अस्तित्व में आ गए थे। विद्वानों का मानना है कि पुराणों का आधुनिक रूप गुप्त काल में संपादित हुआ है। इनकी संख्या 18 हैं।

#29. इंडिका ग्रंथ को सर्वप्रथम 1899 ई में किसने संग्रहीत किया -

इंडिका का मूल स्वरूप विलुप्त है परंतु उसके उद्वारणों को संग्रहीत किया गया है जिसमें सर्वप्रथम 1846 में स्वानवेक ने इसे संग्रहीत कर प्रकाशित किया।

#30. रामायण के अयोध्या कांड में प्रशासन के कितने विभागों का उल्लेख है-

#31. ऐहोल अभिलेख किसका है-

रविकीर्ति के ऐहोल अभिलेख से पुलकेशीन द्वितीय द्वारा हर्षवर्धन की पराजय का पता चलता है।

#32. सती प्रथा का प्रथम अभिलेखीय साक्ष्य है-

म प्र के सागर के पास स्थित धन्य विष्णु के एरण अभिलेख से भानुगुप्त एवं हूण आक्रमण की जानकारी मिलती है। यह 510 ई में सतीप्रथा का सर्वप्रथम अभिलेखीय साक्ष्य है।

#33. शत साहस्त्र संहिता कहा जाता है -

महाभारत में एक लाख श्लोकों का संग्रह है अत: इसे शत साहस्त्र संहिता कहा जाता है। इसकी रचना महर्षि वेदव्यास ने की है। इसकी रचना का काल 4 थी शत. ईपू का माना गया है। और महाभारत का युद्ध काल 1400 से 1000 ईपू का विद्वानों ने माना है।

#34. भारतीय ग्रंथ उपनिषदों में 4 आश्रमों का उल्लेख है -इनमें से कौन सा सम्बद्ध नहीं है-

भारतीय ग्रंथ उपनिषदों में 4 आश्रमों का उल्लेख है -इनमें से समावर्तन संस्कार है जो कि आश्रमों से सम्बद्ध नहीं है। चौथा आश्रम सन्यास है।

#35. यास्क ने रचना की-

यास्क ने रचना की- निरुक्त (भाषा विज्ञान)की।
यास्क ने भाषा शास्त्र का प्रथम ग्रंथ निरुक्त की रचना की है।

#36. बौद्ध धर्म के दार्शनिक सिद्धांत मिलते हैं -

अभिधम्म पिटक प्रश्नोत्तर रूप में है। इसमें बुद्ध के दार्शनिक सिद्धांतों का संग्रह है।

सुतपिटक में बौद्ध धर्म के सिद्धांत तथा उपदेशों का संग्रह है

विनय पिटक में संघ संबंधी नियमों, दैनिक -विचार व विधि निषेधों का संग्रह शिष्य उपाली ने किया।

'; } else { echo "Sorry! You are Blocked from seeing the Ads"; } ?>

#37. सी-यू-की- किसकी रचना है-

हवेनसांग बौद्ध चीनी यात्री था जो हर्षवर्धन (606-647 ई)के काल में भारत आया था। उसका यात्रा वृतांत सी-यू-की के नाम से जाना जाता है। इसमें तत्कालीन भारत की स्थिति का पता चलता है। हवेनसांग को “यात्रियों का राजकुमार” कहा गया है।

#38. अथर्ववेद में कुल कितने श्लोक हैं-

अथर्ववेद में कुल 731 श्लोक एवं 6,000 पद्य हैं। इनमें विविध विषयों जैसे – आयुर्वेद, चिकित्सा, बहुत-प्रेत, जादूटोना, समन्वय, राजभक्ति, विवाह तथा प्रणय आदि पर प्रकाश डाला गया है। इसमें सामान्य मनुष्यों के विचारों तथा अंधविश्वासों का वर्णन मिलता है।

#39. एतरेय एवं कौशीतकी किस वेद के ब्राम्हण ग्रंथ हैं-

1. ऋग्वेद के ब्राम्हण ग्रंथ – एतरेय एवं कौशीतकी
2. सामवेद के ब्राम्हण ग्रंथ – पंचवीश तथा तांडय
3. यजुर्वेद के ब्राम्हण ग्रंथ – शतपथ, वाजसनेय, तैतरीय
4. अथर्ववेद के ब्राम्हण ग्रंथ – गोपथ

#40. कुंदकुण्द आचार्य की रचना है-

जैन ग्रंथ रचनाकार कुंदकुण्द आचार्य की रचना है- समय सार
इसमें जीव, कर्ता, कर्म, पुण्य, पाप, बंध एवं मोक्ष आदि का वर्णन है।

Finish
Share with friends !

3 thoughts on “प्राचीन भारत /भारतीय साहित्य का गौरव/ आयडिया आफ भारत महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तरी सीरीज -3”

Leave a Reply

error: Content is protected !!