एडोल्फ़ हिटलर का परिचय

एडोल्फ हिटलर, जर्मन राजनेता और नाजी पार्टी के नेता थे, जिनका प्रभाव दुनिया इतिहास में अत्यधिक विवादास्पद रहा है। उनका प्रभाव 20वीं सदी के दौरान हुआ, और उनकी नेतृत्व में जर्मनी ने दूसरी विश्व युद्ध की शुरुआत की, जिसके परिणामस्वरूप विश्वभर में विप्लवप्रद परिवर्तन हुए।

यहां एडोल्फ हिटलर का जीवन परिचय है:

'; } else { echo "Sorry! You are Blocked from seeing the Ads"; } ?>

जन्म और शिक्षा:

एडोल्फ हिटलर का जन्म 20 अप्रैल 1889 को आउस्ट्रिया-हंगेरी के ब्रौनाउ आन इन इन लाइन (Braunau am Inn) में हुआ था। उनके पिता का नाम एलोइस हिटलर था, जो एक कस्टम्स अधिकारी थे, और माता का नाम क्लारा हिटलर था। हिटलर का शौर्य और सेना में सेवा करने की इच्छा बचपन से ही थी, लेकिन उन्हें लिन्ज कॉलेज (Linz College) से निकाल दिया गया और उन्हें विशेषाधिकार प्राप्त नहीं हुआ।
सेना में सेवा :

  • पहले विश्व युद्ध के दौरान, हिटलर ने जर्मन सेना में सेवा की और बहादुरी दिखाई।
  • उन्हें आर्टिलरी सेना में सूचना तथा अफसर के रूप में नियुक्त किया गया और उन्हें आर्थिक समस्याओं के कारण सेना से बाहर कर दिया गया।

नाजी पार्टी का नेतृत्व:

  • हिटलर ने 1919 में नाजी पार्टी (Nazi Party) की स्थापना की, जो बाद में नाजी जर्मन वर्कर्स पार्टी (NSDAP) के रूप में जानी जाती है।
  • उनका प्रचंड भाषण और राजनीतिक दक्षता ने उन्हें जल्दी ही नाजी पार्टी के नेता बना दिया।

बुकरेस्ट की दौड़:

  • 1923 में, हिटलर ने म्यूनिख में बुकरेस्ट (Beer Hall Putsch) की दौड़ का प्रयास किया, जिसमें उन्होंने बायरिया सरकार को गिराने का प्रयास किया।
  • इस प्रयास में विफलता के बाद, हिटलर को कोर्ट में दोषी पाया गया और उन्हें 5 साल की कारावासा में दिया गया, लेकिन वह शीघ्र ही रिह हो गए।

मीन कांफ :

  • 1923 ई. में हिटलर ने जर्मन सरकार को उखाड़ फेंकने का प्रयत्न किया। इसमें वे असफल रहे और जेलखाने में डाल दिए गए। वहीं उन्होंने नामक अपनी आत्मकथा लिखी। इसमें नाज़ी दल के सिद्धांतों का विवेचन किया। उन्होंने लिखा मीन कैम्फ (“मेरा संघर्ष”) कि जर्मन जाति सभी जातियों से श्रेष्ठ है। उन्हें विश्व का नेतृत्व करना चाहिए। यहूदी सदा से संस्कृति में रोड़ा अटकाते आए हैं। जर्मन लोगों को साम्राज्यविस्तार का पूर्ण अधिकार है।”फ़्रान्स” और “रूस” रूस से लड़कर उन्हें जीवित रहने के लिए भूमि प्राप्ति करनी चाहिए।हिटलर की आत्मकथा “माइन कांप्फ” (Mein Kampf) 1925 में प्रकाशित हुई, जिसमें उन्होंने अपने आत्म-विश्वास, नाजी आदर्शों, और अपनी राजनीतिक दृष्टिकोण को विस्तार से व्यक्त किया।
  • सन 1932 तक संसद् में नाजी दल के सदस्यों की संख्या 230 हो गई थी. सन 1933 में चांसलर बनते ही हिटलर ने जर्मन संसद् को भंग कर दिया, साम्यवादी दल को गैरकानूनी घोषित कर दिया. हिटलर ने 1933 में राष्ट्रसंघ को छोड़ दिया और भावी युद्ध को ध्यान में रखकर जर्मनी की सैन्य शक्ति बढ़ाना प्रारंभ कर दिया था.सन 1933 में जर्मनी में पूर्ण शक्ति हासिल करने के लिए हिटलर ने वहां पर मौजूद आर्थिक असंतोष, जनता में असंतोष और राजनीतिक दुर्दशा का सहारा लिया था.

    उनके जेल से रिहा होने के बाद, हिटलर ने नाज़ी पार्टी को पुनः व्यवस्थित और पुनर्गठित किया। उन्होंने चुनावी राजनीति में शामिल होने, नए और अलग-थलग पड़े मतदाताओं को लक्षित करने वाले कार्यक्रमों और जर्मन समाज में पारंपरिक विवादों को दूर करने के लिए समाधान को शामिल करने के लिए अपनी राजनीतिक रणनीति को बदला।

  • राजनीतिक रणनीति :संभावित मतदाताओं के डरों और आशाओं को दर्शाने के लिए भाषा का प्रयोग करते हुए, नाज़ियों ने इसके लिए प्रचार किया
    • राष्ट्रीय रक्षा क्षमता का नवीनीकरण
    • राष्ट्रीय संप्रभुता को बहाल करना
    • साम्यवाद का विनाश
    • वर्साय संधि को उलटाना
    • जर्मनी में विदेशी और यहूदी राजनीतिक और सांस्कृतिक प्रभाव को खत्म करना और उसके द्वारा कथित तौर पर बनाई नैतिक भ्रष्टता को उलटाना
    • आर्थिक समृद्धि पैदा करना और रोजगार पैदा करना
  • नाजी जर्मनी का नेतृत्व:

    1933 में हिटलर ने जर्मनी के चैंसलर बनने के बाद, उन्होंने जल्दी ही राष्ट्रपति और दायित्वों को अपने पास केंद्रीकृत कर लिया। उनके नेतृत्व में, वे जर्मन समाज में आर्यन सुप्रीमेसी की प्रवृत्ति लाए और विश्व युद्ध की शुरुआत की।

  • द्वितीय विश्व युद्ध और हिटलर की आत्महत्या (Second World War and Suicide of Adolf Hitler)1937 में जर्मनी ने इटली से संधि की और उसी वर्ष आस्ट्रिया पर अधिकार कर लिया. इसी विस्तारवाद में हिटलर की सेनाओं ने पोलैंड के पश्चिमी भाग पर अधिकार कर लिया और ब्रिटेन ने पोलैंड की रक्षा के लिए अपनी सेनाएँ भेजीं जिसके कारण 1939 में द्वितीय विश्वयुद्ध प्रारंभ हुआ. 
  • हिटलर की लीडरशिप में 1941 तक नाजी सेनाओं ने यूरोप पर बहुत कब्ज़ा कर लिया था. चूंकि हिटलर सभी से पड़ोसी देशों से दुश्मनी ले रहा था इसलिए मित्र राष्ट्रों की सेनाओं ने उसकी सेना को हरा दिया. हिटलर ने 30 अप्रैल 1945 को सोवियत सेनाओं से घिरने के बाद बर्लिन में जमीन से 50 फुट नीचे एक बंकर में खुद को गोली मारकर अपनी पत्नी इवा ब्राउन के साथ आत्महत्या कर ली थी.

होलोकॉस्ट और जर्मनी का पतन:

    • हिटलर की सरकार ने होलोकॉस्ट के माध्यम से लाखों यहूदी लोगों की हत्या की और अन्य अत्याचारों का कारण बना।
    • दूसरी विश्व युद्ध के बाद, हिटलर ने 1945 में बर्लिन में अपने आत्महत्या कर ली। उनकी मौत के बाद, नाजी पार्टी का पतन हुआ और जर्मनी को दो भागों में विभाजित किया गया।
Share with friends !

Leave a Reply

error: Content is protected !!