#1. किसका कथन है - '' जनपद ऐसा हो, जिसमें थोड़े परिश्रम से पर्याप्त अन्न पैदा किया जा सके, जो शत्रुओं को पराजित कर सके, जिसकी भूमि में खनिजों तथा वनोंकी प्रचुरता हो, जो जल और स्थल मार्गों से सम्पन्न हो और जिसकी जलवायु बलवर्धक हो आदि.''
कौटिल्य के अनुसार एक सुव्यवस्थित राज्य की स्थापना के लिए जनपद एक अनिवार्य आवश्यकता है.
#2. निम्नांकित बिदुओं पर विचार करते हुए गलत बिंदु को चिन्हित करें-
कौटिल्य के अनुसार जनपद एवं राजस्व वसूली का कार्य ये चार विभागों में विभक्त पदाधिकारी करते थे- जनपद,द्रोणमुख,खार्वटिक, संग्रहण .
#3. जनपद का शाब्दिक अर्थ है-
#4. ६वी शताब्दी ईपू में कितने जनपद अस्तित्व में थे -
#5. 16 महाजनपदों का उल्लेख सर्वप्रथम कहाँ प्राप्त हुए हैं -
अंगुत्तर निकाय के अनुसार – काशी, कौशल, अंग, मगध, वज्जि, मल्ल, चेदि, वत्स, कुरु, पंचाल, मत्स्य, शूरसेन, अश्मक, अवन्ती, गांधार, कम्बोज .
#6. आरंभिक वैदिक काल के जन थे -
#7. ऋग्वैदिक काल में शासक को कहा जाता था-
#8. प्राचीन भारत में कौन सी शासन प्रणाली लागू थी-
#9. राजतन्त्र का अर्थ है -
राजतंत्र में मुखिया राजा होता था. इनमें प्रमुख रूप से अंग, मगध, काशी, कौशल, चेदि, वत्स, कुरु, पांचाल, मत्स्य, शूरसेन, अश्मक, अवन्ती, गांधार तथा कम्बोज राजतंत्रात्मक महाजनपद थे.
#10. सर्वप्रथम गणतंत्रात्मक शासन प्रणाली अर्थात गणराज्यों की खोज १९०३ में रिज डेविड्स ने की , गण का पर्यायवाची है-
बौध्द साहित्यों में कुछ गणराज्यों का उल्लेख मिलता है – वज्जि संघ में 8 गणराज्य सम्मिलित थे. प्रत्येक गाँव के सरदार को राजा कहा जता था. राज्य के सामूहिक कार्य का विचार एक परिषद् में लिया जाता था जिसके सभी सदस्य होते थे.
#11. वैशाली में किस प्रकार का शासन तंत्र था-
कुलीन तंत्र में शासन का सम्पूर्ण संचालन प्रजा द्वारा न होकर किसी कुल विशेष के व्यक्तियों द्वारा किया जाता था. वैशाली में लिच्छवी कुल के व्यक्तियों के द्वारा शासन किया जाता था. इस प्रकार अन्य राज्य कपिलवस्तु के शाक्य, मिथिला के विदेह एवं पिप्प्लिवन के मोरिय आदि कुलीतंत्र शासन चलाते थे.