महारानी विक्टोरिया का घोषणा पत्र -1नवम्बर 1858 -Queen Victoria’s Manifesto

 महारानी विक्टोरिया की घोषणा पत्र -1नवम्बर 1858  भूमिका –        सन 1857 ई. के विद्रोह एवम  उससे उठने वाले बवंडर  के समाप्त होने के  बाद भारत …

Read more

Share with friends !

पानीपत के तृतीय युद्ध के परिणाम ( Result of Third Battle of Paanipat)

भूमिका-             1707 ई.  औरंगजेब की मृत्यु के बाद से मुगलो की स्थिति अच्छी नही थी| इस समय मुगल बादशाह कठपुतली मात्र था।मुग़ल साम्राज्य का अंत …

Read more

Share with friends !

पानीपत का तीसरा युध्द,स्वरूप एवम कारण – main Cause of Third Battle of Panipat – (14 January 1761)

भूमिका  –     1707 ई.  औरंगजेब की मृत्यु के बाद से मुगलो की स्थिति अच्छी नही थी|   इस समय मुगल बादशाह कठपुतली मात्र था।मुग़ल साम्राज्य का अंत …

Read more

Share with friends !

कर्नाटक का द्वितीय युध्द – (1749- 54) – second karnatka War- (1749- 54) –

कर्नाटक का द्वितीय युध्द – (1749- 54) –  कारण – हैदराबाद तथा कर्नाटक  का उत्तराधिकार   का मामला ।   स्वरूप –        -डुप्ले ने हैदराबाद में मुजफ्फर जंग …

Read more

Share with friends !

तृतीय कर्नाटक युध्द – (1756 – 63 ) – Third Karnatka War- (1756 – 63 ) –

तृतीय कर्नाटक युध्द   – (1756 – 63 ) – कारण-  -यूरोप में फ्रांस और ब्रिटेन के बीच सप्तवर्षीय युध्द्। फ्रांस ने आस्ट्रिया को तथा ब्रिटेन ने प्रशा को …

Read more

Share with friends !

आंग्ल – फ्रांसीसी संघर्ष, स्वरुप , कारण एवम प्रभाव – (Anglo -French conflict/ War)-

आंग्ल – फ्रांसीसी संघर्ष  एवम  उसके कारण- (Anglo -French conflict/ War)-     भूमिका-          सन 1707 ई. में मुगल सम्राट औरंगजेब की मृत्यु के पश्चात …

Read more

Share with friends !

मुगल साम्राज्य के पतन के कारण # Decline of the mughal Empire and its cause

भूमिका-       भारत में मुगल साम्राज्य के अंतर्गत सन 1707 ई. को औरंगजेब की अहमदनगर में मृत्यु के समय मुगल साम्राज्य में कुल 21 प्रांत थे ,उसके पश्चात …

Read more

Share with friends !

पुर्तगाली शक्ति के पतन के कारण# decline of Partugese

पुर्तगालियो के पतन के निम्नलिखित कारण थे- 1.- धार्मिक अत्याचार – पुर्तगालियो ने नृशंस धार्मिक अत्याचार किये ।उन्होने मंदिरो और मस्जिदो को नष्ट कर दिया और बलपुर्वक हिंदुओ …

Read more

Share with friends !

17वी -18वी शदी. के दौरान भारत में व्यापारिक यूरोपीय शक्तियो का आगमन

17वी शताब्दी के दौरान भारत विदेश- व्यापार का एक ऐसा आकर्षण केंद्र बन गया था, जिससे हर विदेशी राष्ट्र व्यापार कर उस पर अपना आधिपत्य जमाने को आतुर …

Read more

Share with friends !
error: Content is protected !!