मौर्यकालीन/कौटिल्य कालीन भारत में राजदूत व्यवस्था

शोध सारांश–      प्राचीन भारत के प्रायः सभी राजशास्त्रियों ने राजदूत की आवश्यकता एवं उपयोगिता को स्वीकार किया है। तत्कालीन समय में राज्य के सुसंचालन हेतु महत्वपूर्ण पद …

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prachin bharat ka itihas /rashtrakuta rajvansh se sambadhit prashnottari series – प्रश्नोत्तर -राष्ट्रकूट राजवंश -सार -imp mcq

 Most Important Question & answer: 1. 745 ई. की समगद प्लेट में महाराजाधिराज  कहा गया  अ विजय को ब अमोघवर्ष को स दंतिदुर्ग को द उपरोक्त में सभी …

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प्राचीन भारत में चिकित्सा विज्ञान / pracheen bharat mein chikitsa vigyaan

प्राचीन भारत में चिकित्सा विज्ञान प्रस्तावना – यद्यपि प्राचीन भारत में मानव माध्यमिक ज्ञान पर अधिक जोर देते थे परंतु वे सांसारिक जीवन में व्यावहारिक ज्ञान को अनदेखा …

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अभिलेख शास्त्र का परिचय-प्राचीन भारतीय इतिहास जानने के पुरातात्विक स्रोत / Introduction of Epigraphy

 पुरातात्विक स्रोत – अभिलेख शास्त्र का परिचय /  Introduction of Epigraphy: प्रस्तावना-   इतिहास को जानने के प्रमुख साधनों में मुख्य रूप से साहित्यिक तथा पुरातात्विक स्रोत महत्वपूर्ण हैं, इसमें …

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वैदिक साहित्य (vaidik Literatures)

 वैदिक साहित्य (vaidik Literatures) वैदिक साहित्य भारतीय सभ्यता को सबसे बड़ी देन वैदिक ग्रंथ हैं। ये ग्रंथ आर्यों के दर्शन शास्त्र का महत्वपूर्ण अंग बन गए। वास्तव में …

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प्रस्तर युग –(पाषाण काल) मानव की उत्पति एवं विकास / Stone Age / Prehistoric Period

प्रस्तर युग –(पाषाण काल) मानव की उत्पति एवं विकास मानव धरती पर संभवत: अतीनूतन युग के आरंभ में पैदा हुआ। इसी समय गाय, हाथी और घोड़ा आदि का …

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