Book Review – 3 मिस्टेक्स ऑफ माई लाइफ ( The 3 Mistakes of My Life)

Book Review –  द 3 मिस्टेक्स ऑफ माई लाइफ (अंग्रेज़ी: The 3 Mistakes of My Life)

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               द 3 मिस्टेक्स ऑफ माई लाइफ (अंग्रेज़ी: The 3 Mistakes of My Life) चेतन भगत द्वारा लिखी गई तीसरी पुस्तक है। इसे मई 2008 में प्रकाशित किया गया था और इसकी 43,0000 प्रतियाँ छापी गई थी। पुस्तक में तीन मित्रों की कहानी है जों अहमदाबाद (गुजरात) में रहते हैं । अमेजन कीमत- 176/, पेज -258, प्रकाशन -रूपा प्रकाशन । यह चेतन भगत द्वारा लिखी गई तीसरी सबसे अधिक बिकने वाली किताब है।

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                यह पुस्तक पूरी तरह काल्पनिक घटनाओं पर (2000-2005) में आधारित है जब अहमदाबाद में रहने वाला एक नौजवान गोविन्द बिज़नस के सपने देखने लगता है। अपने मित्र ईशान और ओमी की इच्छाओं के अनुरूप वे क्रिकेट की दूकान खोलते है परन्तु तीनों का मकसद अलग अलग होता है। गोविन्द का लक्ष्य पैसे कमाना है, ईशान का सपना अली को सुधारना है जों एक प्रतिभावान बल्लेबाज़ है और ओमी बस अपने दोस्तों के साथ रहना चाहता है। गोविन्द पुस्तक का मुख्य किरदार व कहानी बताने वाला पात्र है और कहानी उसकी तीन गलतियों के इर्द-गिर्द घुमती है।

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मुख्य किरदार  –गोविन्द

                                                           गोविंद एक आम लड़का है। उसकी बहुत कम इच्छाएँ है पर वह अपनी ख्फ्वैशों पर दृढ़ है। उसका मुख्या लक्ष्य एक बिज़नसमैन बनना है क्योंकि उसे लगता है की गुजराती होने के कारण बिज़नस उसके खून में है। उसके करीबी दोस्त ओमी और ईश (ईशान) है। गोविन्द के पिता उसे छोड कर जा चुके है और उसकी माँ घर में बनी वस्तुओं का धंधा संभालती है। माँ को पैसों में मदद करने के लिए वह गणित की ट्यूशन लेता है। अपना खुद का धंधा (क्रिकेट की दुकान) खोलने के बाद भी वह ट्यूशन लेना जारी रखता है। यह कहानी बयान करने वाला है जों ‘’ तीन गलतियाँ” करता है। कहानी के दौरान वह ईशान की छोटी बहन विद्या से प्यार करने लगता है जिसे वह गणित सिखा रहा होता है। गोविन्द बिज़नस के पैसों के मामले संभालता है।

ईशान

                ईशान एक क्रिकेट का बहुत बड़ा दीवाना है और दिल से देशभक्त भी। वह अपने मोहल्ले और स्कुल में सवर्श्रेष्ठ खिलाडी है। वह अपने बिज़नस का नाम “टीम इण्डिया क्रिकेट शॉप” सुझाता है। वह गोविन्द के बिज़नस को रोजाना क्रिकेट कोचिंग शिविर आयोजित करके सहकार्य करता है। उसकी छोटी बहन विद्या के लिए वह काफ़ी सुरक्षात्मक रवैया अपनाता है। जब उसे अली मिलता है तो उसे पता चलता है की अली बेहद प्रतिभावान बल्लेबाज़ है और वह उसे सही प्रशिक्षण देने के लिए किसी भी हद्द तक जाने को तैयार हो जाता है ईशान दूकान की रोज़मर्रा की चीज़ें संभालता है।

ओमी

                   वह एक मंदिर के पुजारी का लड़का है। उसके परिवार को लोगों के बीच काफ़ी सम्मान प्राप्त है। ओमी के मामा के चलते उन्हें अपनी दुकान के लिए जल्द ही जगह मिल जाती है। वह काफ़ी मंद किस्म का लड़का है जिसके कोई बड़े सपने नहीं है पर वह अपने शारीर को बढ़िया रखने के प्रति सजग है। उसे बड़े होकर अपने पिता की तरह पुजारी नहीं बनना। वह एक धार्मिक लड़का है और अमीषा अपने मामा (बिट्टू मामा) के साथ धार्मिक गतिविधियों में हिस्सा लेता है। परन्तु वह धर्म के प्रति अपने विचारों के बारे में उलझा हुआ है ।

        समीक्षात्मक रूप से  मुझे लगता है कि किताब अच्छे से लिखी गई है। इसलिए किसी बदलाव की आवश्यकता नहीं है। मुझे लगता है कि कुछ बुरे शब्दों को किताब में नहीं होना चाहिए।  पुस्तक का शीर्षक उचित है क्योंकि गोविंद ने अपने जीवन में 3 गलतिया की और उसे अपनी गलती का एहसास हुआ। यह पुस्तक पाठक के लिए बहुत अच्छी है, मैं अपने दोस्तों को प्रेरित करुंगी कि इस पुस्तक में  कहानी को सुगम बनाए रखने  के लिये काल्पनिक पात्रो क सहारा लिया गया है ताकि कहानी को दिलचस्प बनाया जा सके।

       इस पुस्तक में कई रोचक स्थितियाँ हैं। यह सरल भाषा में है। पाठक के लिए बहुत ही आकर्षक है, यह हर भाग हमें पढ़ने के लिए बनाता है कि आगे क्या होगा।

       पाठको के लिये लाभ और नुकसान  यह पढ़ने और लिखने में सुधार करने के लिए उपयोगी है।  कुछ स्थानो पर गाली शब्द का इस्तेमाल कहानी में नकारात्मक बिंदु के रूप में निरुपित होता है। कभी-कभी कहानी में फिल्मी स्वरूप ज्यादा महसूस होता है। जो कि पुस्तक को ज्यादा लोकप्रिय बनाने के लिये लिखा गया होगा।

       निष्कर्षत: कहा जा सकता है कि हमारे सपने अप्रत्याशित घटनाओं से टुकड़ों में दुर्घटनाग्रस्त हो जाते हैं, लेकिन आसपास के लोगों के समर्थन से, हम वापस अपने रास्ते तय करने के लिए उठ खसकते हैं। जीवन में कई उतार -चढाव एवम विषम परिस्थितिया आती हैं। इसलिए निराश कभी भी नही होना चाहिये।

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