सिकंदर का आक्रमण एवम उसके भारत पर प्रभाव # Alexander’s Invasion and its Impact
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सिकंदर का भारत पर आक्रमण –
6 वी शताब्दी ई.पू. के मध्य जब उत्तरी -पूर्वी भारत में मगध साम्राज्य के नेतृत्व में राजनीतिक एकता स्थापित करने के प्रयास किए जा रहे थे उस समय उत्तरी- पश्चिमी प्रदेश छोटे -बडे राज्यो में विभक्त था। इन राज्यो में आपसे संघर्ष होने के कारण भारतीय सीमाए इस ओर से असुरक्षित थी।आर्थिक व व्यापारिक दृष्टि से इस क्षेत्र की महत्ता सर्वविदित थी। ऐसी स्थिति में किसी शक्तिशाली और साम्राज्यवादी शक्ति का इस क्षेत्र की ओर आकर्षित होना स्वाभाविक था। इसी कारण भारत में सिकंदर जैसे साम्राज्यवादी 326-27 ई. पू. में काबुल को जीतकर भारत को जीतने के लिये प्रस्थान हुआ।
सिकंदर के आक्रमण का भारत पर प्रभाव-
1.- भारत और यूनानियो के बीच विभिन्न क्षेत्रो में प्रत्यक्ष सम्पर्क की स्थापना हुई।
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2.-सिकंदर के अभियान से चार विभन्न स्थल मार्गो और जलमार्गो के नये द्वार खुले।
3.- यूनानी व्यापारियो व शिल्पियो के लिये मार्ग प्रशस्त हुये जिससे व्यापारिक तत्कालीन सुविधाए बढी।
4.- नये उपनिवेशो एवम नगरो की स्थापना हुई- झेलम के तट पर -बुकेफुला तथा सिंधु नदी के तट पर-सिकंदरिया।
5.- भारत में गांधार शैली की कला का विकास 2शताब्दी में हुआ, वह यूनानी प्रभाव का ही परिणाम था।
6.- सिकंदर के इतिहासकार मूल्यवान भौगोलिक विवरण छोड गये ,जिससे तिथि निर्धारण की महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त हुई।
7.- जिससे भारत में हुई घट्नाओ का तिथिक्रम निर्धारण में सहायता मिली।
8.- पश्चिमोत्तर भारत के छोटे- छोटे राज्यो को जीतकर सिकंदर ने नष्ट कर दिया था फलस्वरूप मौर्य साम्राज्य के लिये विस्तार का मार्ग प्रशस्त हुआ।
9.- सिकन्दर के आक्रमण के समय के भारत की सामाजिक, आर्थिक स्थिति के बारे में उसके इतिहासकारो द्वारा महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त होती है।